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    *⚜️ आज का प्रेरक प्रसंग ⚜️*
    *!! मानव चरित्र !!*
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    एक बार एक जिज्ञासु व्यक्ति ने एक संत से प्रश्न किया, “महाराज, रंग रूप, बनावट प्रकृति में एक जैसे होते हुए भी कुछ लोग अत्यधिक उन्नति करते हैं। जबकि कुछ लोग पतन के गर्त में डूब जाते हैं।
    संत ने उत्तर दिया, “तुम कल सुबह मुझे तालाब के किनारे मिलना। तब मैं तुम्हे इस प्रश्न का उत्तर दूंगा। अगले दिन वह व्यक्ति सुबह तालाब के किनारे पहुंचा। उसने देखा कि संत दोनों हाथ में एक एक कमंडल लिए खड़े हैं।
    जब उसने ध्यान से देखा तो पाया कि एक कमंडल तो सही है। लेकिन दूसरे की पेंदी में एक छेद है। उसके सामने ही संत ने दोनों कमंडल तालाब के जल में फेंक दिए। सही वाला कमंडल तो तालाब में तैरता रहा।
    लेकिन छेद वाला कमंडल थोड़ी देर तैरा, लेकिन जैसे जैसे उसके छेद से पानी अंदर आता गया। वह डूबने लगा और
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