प्रेरकः सूचकश्वैवश्वै या , वा चको दर्शकस्तथा ।
शि क्षको बो धकश्चैवश्चै
, षडेते गुरवः स्मृताः ॥
भा वा र्थ:-
नी ति अनुसा र हम कि से गुरु कह सकते है यहां कुछ गुरु के गुण बता ये है ,
1 प्ररणा देने वा ला , 2 सूचन देनेवा ला , 3 वा चक, 4 दि शा दि खा ने वा ला 5
शि क्षा देने वा ला , 6 बो ध देने वा ला इन छह गुणों से युक्त गुरु हो ता है ।