ख्वाब वफा तकदीर चाहत कल भी सच थी आज भी सच
आँखों पर अश्कों की हुकूमत कल भी सच थी आज भी सच
आंधी आए तूफ़ाँ आए चाहे बादल बरसे तू मेरी मैं तेरी अमानत कल भी सच थी आज भी सच
शिकायतें कैसी जो हम तुम एक हुए दुनिया ही अब अपनी जन्नत कल भी सच थी आज भी सच
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