तेरी हैवानियत की है तो बस औकात इतनी है।
बहाकर बेगुनाहों का लहू इतराना आता है।।
गुरुरे बेखबर ये बात तुझको कौन समझाये।
वो सर झुक ही नहीं सकता जिसे कट जाना आता है।।
..........................राधे-राधे.......... महादेव।।
We use cookies to analyze our website traffic. By continuing to use the site, you agree to our Terms and Policies