*कुछ पल जो साथ मेरे तुम होते हो,* *वो पल नहीं जिंदगी होती है मेरी* *जिस नजर से मुझे तुम देखते हो,* *उस नजर में ही कायनात होती है मेरी।* *जो कुछ मुझे तुम कहते हो* *वो लफ्ज़ नहीं नज़्म होती हैं मेरी।* @everyone
आदमी जब थक जाता है स्त्री को ढुँढ़ता है आदमी जब उब जाता है स्त्री को ढुँढ़ता है आदमी जब टुट जाता है स्त्री को ढुँढ़ता है इसे दुसरे तरीके से कहें तो थके टुटे और उबे हुऐ आदमी को सिर्फ स्त्रीयॉ बचाती हैं..!!❤️🧿
अगर मैं हद से गुज़र जाऊं तो मुझे माफ़ करना, तेरे दिल में उत्तर जाऊं तो मुझे माफ़ करना, रात में तुझे देख के तेरे दीदार के ख़ातिर, पल भर जो ठहर जाऊं तो मुझे माफ़ करना!!❣️