We use cookies to analyze our website traffic. By continuing to use the site, you agree to our Terms and Policies

  • Renaissance - Ek Anant Yudh : रेनेसां - एक अनन्त युद्ध
    PAGE : 354  |  PDF Size : 4 MB {SHQ}
    यह उपन्यास एडवेंचर, फैंटेसी, एक्शन और कॉमेडी का संतुलित संगम है। फिर भी, हँसना जरूरी है। यह उस चेतना की यात्रा है जहाँ मनुष्य विज्ञान, आत्मा और अंधकार के बीच खड़ा है। जहाँ रक्त और भय के बीच उम्मीद की एक हल्की किरण अब भी संभव है। यहाँ हर पात्र केवल एक योद्धा नहीं है, बल्कि एक दर्पण है — जो पाठक को खुद से सवाल पूछने के लिए मजबूर करता है।
    आरव, ऋधिमा, राज, अभी, कपाली, पीहू, लकी, पीटर, सस्पेंस बाबा, मंगरु — ये केवल नाम नहीं हैं, बल्कि मानव सभ्यता की अलग-अलग चेतनाएँ हैं।
    इनकी भिन्नताएँ हमें यह सिखाती हैं कि एकता तब जन्म लेती है जब हम अपने भीतर के राक्षसों से आँख मिलाते हैं। इस उपन्यास का सबसे बड़ा शत्रु कोई वैम्पायर या भेड़िया नहीं, बल्कि वह भ्रम है — जो हमें हमारी चेतना और शक्ति से काट देता ह
    Comments: 0 Reposts: 0

    Leave a comment can only registered users.